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                                                                                                                                    शब्दशक्ति शब्दवृत्ति   या   शब्दशक्ति   (अथवा   शब्द शक्ति   अथवा   शब्द-शक्ति ) अर्थात शब्दों की शक्ति। हिन्दी व्याकरण में किसी वाक्य के भाव को समझने के लिए प्रयुक्त अर्थ को शब्द शक्ति कहा जाता है। कुछ वाक्य ऐसे होते हैं जिनका अर्थ सभी लोगों के लिए समान होते हैं लेकिन कुछ वाक्य ऐसे होते हैं जिनका अर्थ प्रत्येक व्यक्ति अपनी परिस्थितियों के अनुसार लेता है। इसी आधार पर उस वाक्य में प्रयुक्त शब्दों के प्रकार, शक्ति और व्यापकता के आधार पर उसे विभिन्न प्रकार से विभक्त किया जाता है। परिभाषा सं...

हिंदी व्याकरण

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                                                                    रस रस का शाब्दिक अर्थ होता है –                                            आनन्द।                                        काव्य को पढ़ते या सुनते समय जो आनन्द मिलता है उसे रस कहते हैं।  रस को काव्य की आत्मा माना जाता है। रसों के आधार भाव हैं। भाव मन के विकारों को कहते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं- 1. स्थायी भाव। 2. संचारी भाव। 1. स्थाई भाव - रस रूप में पुष्ट होने वाला तथा सम्पूर्ण प्रसंग में व्याप्त रहने वाला भाव स्थाई भाव कहलाता है।  स्थाई भाव 9 माने गए हैं किंतु वात्सल्य नाम का दसवां स्थाई भाव भी स्वीकार किया जाता है। भरत मुन...

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